मैं और मेरी तन्हाई


रहते हैं साथ साथ मैं और मेरी तन्हाई
करते हैं राज़ की बात मैं और मेरी तन्हाई

दिन तो गुज़र ही जाता है लोगों की भीड़ मैं
करते हैं बसर रात मैं और मेरी तन्हाई

साँसों का क्या भरोसा कब छोड़ दे साथ
लेकिन रहेगी साथ मैं और मेरी तन्हाई

आये ना तुम्हे याद कभी भूल कर भी हम
करते हैं तुम्हे याद मैं और मेरी तन्हाई

आ के पास क्यूँ दूर हो गए हम से
करते हैं तेरी तलाश मैं और मेरी तन्हाई

तुम को रखेंगे साथ जन्नत बना के घर की
रह जाये फिर ना तनहा मैं और मेरी तन्हाई

2 comments:

Unknown said...

Kya baat h teri tanhayi to badi jabardast h bhai.......

Unknown said...

tanhai to yaha sb h bhai