हम ना भूलेंगे तुझे राह दिखाने वाले
ना होंगे तुंझसे खफा छोड़के जाने वाले
वक़्त के साथ बदल जाते सभी लोग यहाँ
लोग मिलते नही है साथ निभाने वाले
मेरा ये दिल बड़ा नाज़ुक है मोम की मानिंद
ना वो समझे है ना समझेंगे जमाने वाले
वो जो दरिया है मिलेगा कभी तो सागर में
होगा तेरा भी भला ए प्यास बुझाने वाले
ये जमाना है क्या तुम जानते नही शायद
ये ना तुझे ज़ख़्म दे मुझे ज़ख़्म लगाने वाले
फलक के आफताब से बरसाती आतिश को
कहीं बुझा ना दे ये अब्र यहाँ आने वाले
2 comments:
vakai kuchh log bhule nahi jaate
Sahi kaha sir ji bahut khub.
bhul jaye to phir kuch mja ni
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