रेत पर लिखके मेरा नाम जब तुमने


रेत पर लिखके मेरा नाम जब तुमने

अपने ही हाथों से मिटाया था

तब क्या कोई अश्क तुम्हारी आँखों में

थोडी देर भर आया था …।??????

तब क्या इतना ना हुआ तुमसे कि

कुछ देर ठहर जाओ वहीँ

और सागर की लहरों का इंतज़ार करो ???

कुछ देर और यूंही मेरे नाम के हर्फो से प्यार करो

कोई ना कोई लहर आके मिटा ही देती

नाम मेरा तुम्हारी निगाहों से हटा ही देती

या ये आँखों का समुन्दर भी यही कर जाता

नाम को मेरे तुम्हारी ही नज़र कर जाता

लिखा था तुमने और तुमने ही मिटा डाला था

दिल को इसी बात ने घायल भी कर डाला था

तुम्हारा दिल सागर के किनारे पे यूँ आ कर रोता

तुम्हारे अश्को से मेरा नाम मिटाया होता

ये काश !!! मेरा नाम इस तरह तुमने

रेत पर लिख कर खुद ही मिटाया ना होता

ना गम था मुझे कोई भी फिर

तू भी मेरे लिए पराया ना होता

या रेत से मेरा नाम इस तरह मिटाया ना होता

या मेरा नाम कभी रेत पर लाया ना होता

तुमने भी अश्क यूं बहाया ना होता

और फिर मैंने भी अश्क बहाया ना होता ……
                                                 

2 comments:

Manoj kr singh said...

रेत पर लिखके मेरा नाम जब तुमने
अपने ही हाथों से मिटाया था

बहुत खूब सखी जी

Manoj kr singh said...
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